AP Class 9 Hindi Everest Meri Shikhar Yatra, Hindi Chapter 2 Everest Meri Shikhar Yatra Question Answer

Parmeshwari Mam
12 Min Read
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

AP Class 9 Hindi Chapter 2 Everest Meri Shikhar Yatra 



Introduction
In the second chapter of the AP Class 9 Hindi textbook, “Everest Meri Shikhar Yatra,” we embark on a thrilling adventure to the majestic Mount Everest. This chapter takes us through the awe-inspiring journey of a mountaineer and provides insights into the challenges, triumphs, and personal growth experienced during the expedition

AP Class 9 Hindi Everest Meri Shikhar Yatra Question Answer



★ निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक- दो पंक्तियों में दीजिए।

1. अग्रिम दल का नेतृत्व कौन कर रहा था ?

ज. अग्रिम दल का नेतृत्व पूर्व उपनेता प्रेमचंद कर रहे थे।

2. लेखिका को सागरमाथा का नाम क्यों अच्छा लगा ?

ज. सागरमाथा का अर्थ है – समुद्र का मस्तक या माथा। विश्व का ऊँचा पर्वत एवरेस्ट है। इसलिए लेखिका ( बचेंद्री पाल ) को यह नाम अच्छा लगा।

3. लेखिका को ध्वज जैसा क्या लगा ?
ज. लेखिका को एक भारी बर्फ का बडा (फूल) प्लूम दिखाई पड़ा। वह पर्वत शिखर पर लहराता हुआ ध्वज (झंडा) जैसा लगा।

4. हिमस्खलन से कितने लोगों की मृत्यु हुई और कितने घायल हुए ?
ज. हिमस्खलन से सोलह शेरपा कुलियों के दल में से एक की मृत्यु हो गई चार और चार घायल हो गए थे।

5. मृत्यु के अवसाद को देखकर कर्नल खुल्लर ने क्या कहा ?
ज. मृत्यु के अवसाद को देखकर कर्नल खुल्लर ने कहा- एवरेस्ट जैसे महान अभियान में खतरें होते ही हैं। आदमी को कभी – कभी मृत्यु को भी सहज भाव से स्वीकार करना पड़ता है।

6. रसोई सहायक की मृत्यु कैसे हुई ?
ज. जलवायु अनुकूल न होने के कारण एक रसोई सहायक की मृत्यु हो गई थी।

7. कैंप – चार कहाँ और कब लगाया गया ?
ज. कैंप चार साउथ कोल में 7900 मीटर की ऊँचाई पर लगाया गया

8. लेखिका ने शेरपा कुली को अपना परिचय किस तरह दिया ?

ज. लेखिका ने अपने को नौसिखिया कहकर शेरपा कुली को परिचय दिया और यह उनका पहला अभियान है।

9. लेखिका की सफलता पर कर्नल खुल्लर ने उसे किन शब्दों में बधाई दी ?

ज. लेखिका को सफलता पर कर्नल खुल्लर ने बधाई देते हुए कहा- “मैं तुम्हारी इस अनूठी उपलब्धि के लिए तुम्हारे माता – पिता को बधाई देना चाहूँगा !” देश को तुम पर गर्व है। अब तुम ऐसे संसार में वापस – जोओगी, जो तुम्हारे अपने पीछे छोडे हुए संसार से एकदम भिन्न होगा।

Everest Meri Shikhar Yatra Answer Key

क) निम्न लिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए।

1. नज़दीक से एवरेस्ट को देखकर लेखिका को कैसा लगा ?

ज. नज़दीक से एवरेस्ट को देखकर लेखिका आश्चर्यचकित हो गई। वह एवरेस्ट, ल्होत्से और नुत्से की ऊँचाइयों से घिरी, बर्फ़ीली टेढ़ी-मेढ़ी नदी के दृश्य को देखती रही।

2. डॉ. मीनू मेहता ने क्या जानकारियाँ दीं ?

ज. डॉ. मीनू मेहता ने निम्नलिखित जानकारियाँ दीं।

अल्यूमिनियम की सीढ़ियों से अस्थायी पुलों को बनाना ।

लट्टों और रस्सियों का उपयोग करना ।

बर्फ की आड़ी तिरछी दीवारों पर रस्सियों को बाँधना।

अग्रिम दल के अभियांत्रिकी (तकनीकी) कार्यों की जानकारी दीं।

3. तेनजिंग ने लेखिका की तारीफ़ में क्या कहा ?

ज. तेनजिंग ने लेखिका की तारीफ़ में कहा “तुम एक पक्की पर्वतीय लड़की लगती हो। तुम्हें तो शिखर पर पहले ही प्रयत्न में पहुँच जाना चाहिए ।”


AP Class 9 Hindi Everest Meri Shikhar Yatra Q&A

4. लेखिका को किनके साथ चढ़ाई करनी थी ?

ज. लेखिका को अपने दल के सदस्य जय और मीनू के साथ चढ़ाई करनी थी।

5. लोपसांग ने तंबू का रास्ता कैसे साफ किया ?

ज. लोपसांग ने अपनी स्विस छुरी की मदद से तंबू का रास्ता साफ किया। उन्होंने बड़े – बड़े हिमपिंडों को मुश्किल से हटाया । बचेंद्री के चारों ओर जमें बर्फ को खोदकर उन्हें बाहर निकाला।

6. साउथ कोल कैंप पहुँचकर लेखिका ने अगले दिन की महत्वपूर्ण चढ़ाई की तैयारी कैसे शुरू की ?

ज. साउथ कोल कैंप पहुँचकर लेखिका ने अगले दिन की महत्वपूर्ण चढ़ाई की तैयारी आरंभ कर दी। लेखिका ने खाना, कुकिंग गैस और कुछ ऑक्सीजन सिलिंडर इकट्टे किए।

ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50- 60 शब्दों में) लिखिए।

1. उपनेता प्रेमचंद ने किन स्थितियों से  अवगत कराया ?
ज. उपनेता प्रेमचंद ने निम्नलिखित स्थितियों से अवगत कराया
खंभु हिमपात की स्थिति से अवगत कराया। उनके दल ने कैंप एक (6000 मी.) जो हिमपात के ठीक ऊपर है, वहाँ तक का रास्ता साफ़ कर दिया है।
पुल बना दिया गया है। रस्सियाँ बाँध दी गई है। और झंडियों से रास्ता चिह्नत कर दिया गया है।
बड़ी कठिनाइयों का जाँच कर लिया है।

2. हिमपात किस तरह होता है और उससे क्या क्या परिवर्तन आते हैं ?

ज. बर्फ के खंडों का अव्यवस्थित ढंग से गिरने को हिमपात कहा जाता है।

+ ग्लेशियर के बहने से अक्सर बर्फ में हलचल मच जाती है।

* इससे बर्फ की बड़ी – बड़ी चट्टानें तत्काल गिर जाया करती है।

* अन्य कारणों से खतरनाक स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

+ धरातल पर बड़ी बड़ी दरारें पड जाती हैं।

+ तापमान में नारी गिरावट आती है।

+ रास्ते बंद हो जाते हैं।

3. लेखिका के तंबू में गिरे बर्फ पिंड का वर्णन किस तरह किया गया है?
ज. लेखिका गहरी नींद में सोई हुई थी। रात 12.30 बजे एक सख़्त चीज़ लेखिका के पिछले हिस्से से टकराई। वह जाग गई। साथ ही एक बडा धमाका भी हुआ। एक बडा बर्फ का पिंड ल्होत्से ग्लेशियर से टूटकर कैंप के ऊपर गिरा था। वह अनेक हिमखंडों का पुंज था। वह एक्सप्रेस रेलगाडी की तेज़ गति और भीषण गर्जना के साथ गिरा था। कैंप को नष्ट कर दिया था। इससे किसी की भी मृत्यु नहीं हुई। लेकिन चोटें लगी थीं।

4. लेखिका को देखकर ‘की’ हक्का बक्का क्यों रह गया ?.
ज. लेखिका को अपने दल के सदस्य जय, की और मीनू के साथ चढ़ाई करनी थी। लेखिका सब से पहले साउथ कोल पहुँची। वह अपने साथियों की मदद के लिए (चाय – जूस) पहाडियों के नीचे उतरी। तब वह ‘की’ के सामने पहुँची तो वह यह देखकर हक्का – बक्का रह गया। उसे यह कल्पना नहीं थी कि वह कैसे इस कठिन रास्तों को पार कर आ पहुँची है।

5. एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए कुल कितने कैंप बनाए गए? उनका वर्णन कीजिए।
ज. एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए सात कैंप बनाए गए थे।
बेस कैंप – यह काठमांडू के शेरपालैंड में लगाया गया था।

कैंप – एक – यह 6000 मीटर की ऊँचाई पर बनाया गया। इसमें सामान जमा था।

कैंप – दो – यह चढ़ाई के रास्ते में था।

कैंप तीन – यह ल्होत्से की बर्फ़िली सीधी ढलान पर लगाया गया था। यहाँ रंगीन नाइलॉन के बने तंबू लगाए गए थे।

कैंप- चार – यह 7900 मीटर की ऊँचाई पर बनाया गया था।

साउथ कोल कैंप – यह अंतिम कैंप था। यह एवरेस्ट के ठीक नीचे स्थित था।

6. चढ़ाई के समय एवरेस्ट की चोटी की स्थिति कैसी थी ?

ज. चढ़ाई के समय एवरेस्ट की चोटी की स्थिति :

* तेज हवा के कारण बर्फ उड रही थी।

* पर्वत की शंकु की चोटी तंग थी। वहाँ दो आदमी एक साथ खडे नहीं हो सकते थे।

* चारों तरफ हज़ारों मीटर ढलान थी।

* वहाँ स्थिर खडा होना कठिन था। इसलिए फावडे से बर्फ तोडकर टिकने का स्थान योग्य बनाया।

7. सम्मिलित अभियान में सहयोग एवं सहायता की भावना का परिचय बचेंद्री के किस कार्य से मिलता है?

ज. लेखिका दल के सदस्यों की सहायता करना चाहती थी। उसने अपने साथियों के लिए जूस और चाय लेकर बर्फ़ीले हवा में बाहर निकली। वह नीचे उतरने लगी। वह साउथकोल पहुँचकर अपने दल के हर एक सदस्य के लिए सोच रही थी। इस व्यवहार से उसके सहयोग और सहायता की भावना का परिचय मिलता है।

Everest Meri Shikhar Yatra Solution

ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए।

1. एवरेस्ट जैसे महान अभियान में खतरों को और कभी- कभी तो मृत्यु भी आदमी को सहज भाव से स्वीकार करनी चाहिए।

ज. एवरेस्ट पर चढ़ाई करना महान अभियान है। यह आसान नहीं है। इसमें हर मोड पर जान जाने की संभावना है। खतरों से खेलना जाननेवाले ही इसमें सफल होते हैं।

2. सीधे धरातल पर दरार पड़ने का विचार और इस दरार का गहरे चौड़े हिम – विदर में बदल जाने – का मात्र खयाल ही बहुत डरावना था। इससे भी ज़्यादा भयानक इस बात की जानकारी थी कि हमारे संपूर्ण प्रयास के दौरान हिमपात लगभग एक दर्जन आरोहियों और कुलियों को प्रतिदिन छूता रहेगा।

ज. एवरेस्ट की चढ़ाई के समय गिरी हुई बर्फ में बड़ी बड़ी दरारें पड जाती हैं। इस दरार में अगर कोई – गिर जाए तो निकालना मुश्किल हो जाता है। अकसर दुर्घटनाएँ होती रहती हैं।

3. बिना उठे ही मैंने अपने थैले से दुर्गा माँ का चित्र और हनुमान चालीसा निकाला। मैंने इनको अपने साथ लाए लाल कपड़े में लपेटा, छोटी सी पूजा अर्चना की और इनको बर्फ में दबा दिया। आनंद के – इस क्षण में मुझे अपने माता- पिता का ध्यान आया।

ज. जब लेखिका एवरेस्ट की चोटी पर पहुँचकर घुटनों के बल बैठकर बर्फ पर अपना माथा लगाया और चुंबन किया। माँ दुर्गा और हनुमान चालीसा निकाल पूजा करके बर्फ में दबा दिया। वह खुश थी। उसे अपने माता – पिता का स्मरण आया। उसने भगवान और माता- पिता को नमन किया। उन्हें आज भी एवरेस्ट पर चढनेवाली प्रथम भारतीय महिला के रूप में पहचाना जाता है।

Conclusion
In conclusion, “Everest Meri Shikhar Yatra” takes us on an exhilarating expedition to Mount Everest, unraveling the challenges, triumphs, and personal growth experienced by the climbers. Through this chapter, we understand the significance of setting goals, overcoming obstacles, and embracing the journey itself. It serves as a reminder that with determination and resilience, we can conquer even the most daunting peaks in our lives.

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *